कोरोना काल में योग करने से रहेंगे निरोग, जानें कौन-कौन से योग हैं फायदेमंद

कोरोना काल में योग करने से रहेंगे निरोग, जानें कौन-कौन से योग हैं फायदेमंद

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। यह वायरस व्यक्ति के अंदर प्रवेश करने पर श्वसन तंत्र पर हमला करता है और उसे खराब कर देता है तब उस व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। जी हां दरअसल ये इसलिए होता है क्योंकि कोरोना वायरस हमारे फेफड़ों पर अटैक करता है और म्यूकस को गाढ़ा बना देता है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। शरीर की गलत खानपान की आदत और बिगड़ी हुई जीवनशैली से इम्यूनिटी कमजोर होती जाती है और तमाम संक्रमणों से शरीर धीरे-धीरे ग्रसित हो जाता है। तो कौन से योगासनों के माध्यम से इसे बना सकते हैं स्ट्रॉन्ग, एक नजर डालेंगे इस पर।

पढ़ें- डिप्रेशन को नजरअंदाज ना करें, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

1- हलासन

सर्वांगासन की ही स्थिति में रहते हुए दोनों पैरों को सिर के पीछे जमीन पर सटाने का प्रयास करें। शरीर में सबसे अधिक दबाव गर्दन तथा कंधों पर आएगा और खिंचाव रीड की हड्डी में अनुभव होगा। थोड़ी देर थाइरॉइड ग्लैंड पर दबाव बनेगा। श्वास की गति सामान्य रखें। इस स्थिति में लगभग 3 से 5 मिनट तक खुद को रोकने का प्रयास करें। फिर धीरे-धीरे वापस पूर्व स्थिति में आएं। पूर्व स्थिति में आने के लिए दोनों हाथों को जमीन पर रखते हुए सहारा लें और धीरे-धीरे कमर, नितंब तथा दोनों पैरों को सहज भाव से जमीन पर ले आएं। 5 से 10 बार गर्दन को दाएं से बाएं मोड़ें, जिससे गर्दन में कोई खिंचाव या दबाव न आए।

2- पश्चिमोत्तानासन

समतल जमीन पर बैठें। दोनों पैर सीधे रखते हुए कमर सीधी रखें। गहरी लंबी सांस भरते हुए दोनों हाथों को एक साथ ऊपर उठाएं। श्वास भरते हुए आगे की ओर झुकें और पंजों को हाथों से पकड़ने की कोशिश करें। जितनी सरलता पूर्वक आगे की ओर झुक सकें, झुकें और माथे को घुटने से छूने का प्रयास करें। इस स्थिति में दो-तीन मिनट तक सरलता पूर्वक रुकें। श्वास सामान्य रखें तथा ध्यान शरीर के खिंचाव तथा दबाव पर रखें। अब जिस प्रकार से आसन आरंभ किया था, उसी विपरीत क्रम से आसन को समाप्त करें। 

3- धनुरासन

पेट के बल लेटकर पीछे से दाएं पैर के टखने को दाएं हाथ से तथा बाएं पैर के टखने को बाएं हाथ से पकडें। गहरी और लंबी श्वास भरते हुए आगे से छाती और कंधों को तथा पीछे से दोनों पैरों और जांघों को ऊपर उठाएं। फिर पैरों को आकाश की दिशा में ले जाएं और सांस को सामान्य छोड़ दें। एक मिनट से शुरू कर 3 से 5 मिनट तक इस आसन का अभ्यास करें। आसन में ध्यान नाभि केंद्र पर रखें और हृदय की तरह नाभि में भी धड़कन महसूस करें।

4- सर्वांगासन

पीठ के बल लेटें। उसके बाद अपने दोनों हाथों की सहायता से अपने दोनों पैरों और कमर को ऊपर की ओर उठाएं। इस स्थिति में शरीर का सारा वजन दोनों कंधों तथा सिर पर आ जाएगा। इस स्थिति में सिर और गर्दन को एक सीध में रखें, दाएं या बाएं मोड़ने का प्रयास बिल्कुल न करें। 3 से 5 मिनट तक इस आसन का अभ्यास करें।

 

इसे भी पढ़ें-

रोज व्यायाम करने से बढ़ती है आपकी उम्र: रिसर्च में हुआ खुलासा

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।